ईसवीं
वर्ष
14-15
: शक (हिन्द पार्थियन) शासक गोंडोफर्नीज का शासन, ईसाई धर्म प्रचार हेतु
रोमन संत सेंट टामस का भारत आगमन ।
15
: कुषाणों (यू-ची का तोचारियन) का भारत में प्रवेश ।
64
: उत्तर-पश्चिमी भारत में शक विम कडफिसस का राज्य ।
78
: कुषाण वंश के महानतम शासक कनिष्क का राज्यारोहण, उसके द्वारा शक संवत् का
प्रारम्भ ।
78-101
: कनिष्क का शासनकल, चौथी बौद्ध संगीति का (कश्मीर में) आयोजन ।
100
: अश्वघोष द्वारा ‘सौन्दरानन्द’ तथा ‘बुद्धचरित’ एवं कुमारलाट द्वारा ‘कल्पमंदीतिका’
की रचना ।
109-132
: महानतम सातवाहन शासक गौतमीपुत्र शातकर्णी द्वारा राज्य विस्तार ।
150
: बघेलखंड, वाराणसी, विदिशा तथा आगे चलकर मथुरा तक के क्षेत्र में
भारशिव नागाओं की विभिन्न शाखाओं का राज्य ।
200-250
: सातवाहनों का पतन, महाराष्ट्र में आभीर,
उत्तरी कनारा तथा मैसूर जिलों में कुंतल और चटु, आंध्र मे इक्ष्वाकु तथा
विदर्भ में वाकाटकों की सत्ता स्थापित ।
225
: विंध्यशक्ति द्वारा वाकाटक शासन की स्थापना, अगले 272 वर्षों तक इस
वंश का शासन ।
250
: नासिक में आभिरो द्वारा त्रैकुटकर वंश की स्थापना, अगले 250 वर्षों तक इस
वंश का शासन ।
320-335
: चन्द्रगुप्त प्रथम ने गुप्त वंश को स्थापित किया ।
महमूद गजनवी के 17 आक्रमण
1000
: काबुल,
1001-1002 : पेशावर वैहिंद,
1004-1005 : भाटिया,
1006 : मुल्तान,
1007-1008 : आनंदपाल की हार,
1009 : नारायणपुरा,
1010 : मुल्तान,
1010-1012 : थानेश्वर,
1013-14 : हिन्दूशाही राजधानी उद् भाण्डपुर, 1015-1016 : लोहकोट, कश्मीर, 1018-1019 :
मथुरा,
कन्नौज शाखा,
1020-1021 : त्रिलोचनपाल तथा प्रतिहार राजा पराजित, 1021-1022 :
लोहकोट कश्मीर,
1022-1023 : ग्वालियर,
कालिंजर,
1025-1026 : सोमनाथ,
1027 : गुजरात-सिंध ।
|
325
: कृष्णा नदी के दक्षिण में पल्लव वंशी राज्य की स्थापना ।
335-376
: समुद्र गुप्त का शासनकल ।
330-375
: सम्पूर्ण उत्तर भारत में समुद्रगुप्त का शासन । पूर्व में असम,
पश्चिम में काबुल, उत्तर में नेपाल तथा दक्षिण में पल्लवों तक,
केवल उज्जैन स्वतंत्र (शक वंश के अधीन) ।
350
: मयूरशर्मन द्वारा कदम्ब वंश की स्थापना जो अगले 200 वर्षों तक विधमान रहा ।
375-413
: चन्द्रगुप्त द्वितीय विक्रमादित्य द्वारा उज्जैन, मालवा तथा गुजरात पर विजय,
राजघनी पाटलिपुत्र से अयोध्या और तत्पश्चात कौशाम्बी स्थानान्तरित,
चीनी यात्री फहयान का भारत आगमन ।
415-454
: कुमारगुप्त प्रथम का शासनकाल, नालंदा में बौद्ध विहार तथा विश्वविध्यालय की
स्थापना, हूणों के आक्रमण का खतरा ।
455-467
: स्कन्दगुप्त का शासनकाल, हूणों का भारत पर प्रथम आक्रमण तथा उनकी पराजय ।
477-496
: बुद्धगुप्त-गुप्तवंश का अंतिम सम्राट, गुप्तवंश का विघटन प्रारम्भ ।
500-502
: हूणों के प्रथम शासक तोरमाण द्वारा भारत में राज्य स्थापना तथा मध्यवर्ती भाग
(मालवा में एरण) तक उसका विस्तार ।
502-528
: तोरमाण का उत्तराधिकारी मिहिरकुल भारत में गुप्त शासक भानुगुप्त द्वारा पराजय,
एरण पर गुप्तवंश का पुनः अधिकार (510) ।
533
: मंदसौर के यशोधर्मन की मिहिरकुल पर विजय ।
540
: परवर्ती गुप्त तथा गुप्त वंश की मुख्य शाखा का अंत ।
606-647
: हर्ष (पुष्यभूति या कान्यकुब्ज वंश) का शासनकाल । चीनी बौद्ध यात्री ह्वेनसांग
का भारत आगमन (630-44), बाणभट्ट ने ‘हर्षचरित’ की रचना की ।
647
: तिब्बत से कन्नौज आते हुए हेनसांग पर किसी स्थानीय सामंत द्वारा हमला ।
700
: कन्नौज में यशोवर्मन (मौखरी वंश) सिंहासनारूढ़, संस्कृत नाट्यकार भवभूति
तथा प्राकृत कवि वाक्पतिराज को उसके राजदरबार में संरक्षण ।
600-1200
: मौखरी वंश के शासक यशोवर्मन की मृत्यु (752), उत्तर,
मध्य, पश्चिम तथा दक्षिण भारत में अनेक सामंतों द्वारा स्वतन्त्रता
की घोषणा, अनेक छोटे-बड़े राज्यों का उदय,
बंगाल में गौड़, खंग, वर्मन, पाल तथा सेन वंश, उज्जैन में
गुर्जर-प्रतिहार, कन्नौज में प्रतिहार,
उड़ीसा में भौम, भंज, सोम तथा पूर्वी गंग वंश,
असम में भास्कर वर्मा, गुजरात में चालुक्य, धारा में परमार,
नर्मदा-त्रिपुरी तथा उत्तर प्रदेश में कलचुरी, राजस्थान में चाहमान (चौहान),
बुंदेलखंड में चंदेल, कन्नौज में गहड़वाल, कश्मीर में कार्कोट,
उत्पल तथा लोहार, अफगानिस्तान-पंजाब में हिन्दूशाही वंश ।
पश्चिमी भारत
490-766
: सौराष्ट्र के बल्लभी क्षेत्र में मैत्रक (संभवतः विदेशी मूल) आक्रामकों का शासन
।
550-861
: मध्य राजपूताना में मध्य एशिया
में आये हुए गुर्जर ख़ानाबदोश दलों का शासन स्थापित ।
712
: मुहम्मद बिन कासिम के नेतृत्व में भारत पर प्रथम अरब आक्रमण,
मैत्रक राज्य का पतन ।
740-1036
: उत्तर भारत में गुर्जर-प्रतिहारों का अधिपत्य, अरबों का प्रतिरोध ।
746-974
: छाप या छापौटकट्ट, गुर्जर कबीले द्वारा 746 के आस-पास अंहिलपुर
(आनंदपुर) की स्थापना, जो 15वीं सदी तक पश्चिम भारत का प्रमुख नगर रहा
।
831-1310
: चंदेलों द्वारा बुंदेलखंड में स्वतंत्र राज्य की स्थापना,
अनेक विष्णु मंदिरों का निर्माण (खजूराहों के मंदिर भी) ।
840-890
: सतलज से नर्मदा नदी तक मिहिरभोज या भोज का शासन ।
950-1200
: इंदौर के पास धारा में परमारों का राज्य, जिनमें मुंज (974-994) तथा भोज प्रसिद्ध राजा हुए,
भोज ज्योतिष,काव्यशास्त्र, वास्तुकला तथा संस्कृति का विद्वान था ।
974-1240
: चालूक्यों का अनहिलपुर, सौराष्ट्र तथा आबू क्षेत्र में प्रभुत्व,
चालुक्य शासक मूलराज का शासन काल (974-995) ।
दक्षिणी भारत
50
ई.पू.-250 ई. : ढक्कन में सातवाहन
वंश ।
100-200
: संगम युग, करिकाल का शासन (त्रिचरापल्ली के निकट कावेरी नदी
पर बांध का निर्माण )
300-888
: कांची में पल्लवों का शासनकाल ।
500-757
: पश्चिमी तथा मध्य ढक्कन में वातापी का प्रथम चालुक्य वंश ।
630-970
: पूर्वी ढक्कन में वर्गों के पूर्वी चालूक्यों का शासन काल ।
757-973
: मान्यखेत में राष्ट्रकूटों का शासनकाल ।
985-1014
: चोल शासक राजराज का शासनकाल, भूमि-सर्वेक्षण का प्रारम्भ (1000 ई.)
।
1014-1044
: चोल राजा राजेन्द्र का शासनकाल, श्रीलंका की विजय (1018),
बंगाल पर आक्रमण (1021) ।
1044-52
: राजेन्द्र के उत्तराधिकारी राजाधिराज प्रथम का शासनकाल ।
1052-64
: राजेन्द्र II का शासनकाल ।
1064-70
: वीर राजेन्द्र चोल का शासनकाल ।
1070-1120
: कुलोतुंग प्रथम का शासनकाल, आंध्र का चोल राज्य में विलय (1076) ।
1120-1267
: परवर्ती चोल शासको का काल ।
973-1189
: कल्याणी का द्वितीय चालुक्य वंश ।
636-637
: खलीफा उमर के समय में अरबों का भारत पर पहला अभिलिखित हमला ।
643
: चीनी यात्री हेनसांग की चीनी वापसी ।
647
: हर्षवर्धन की मृत्यु, हेनसांग पर हमला ।
674
: विक्रमादित्य प्रथम चालुक्य और परमेश्वर वर्मा प्रथम पल्लव शासक बने ।
675-685
: तीसरे चीन यात्री इत्सिंग का नालन्दा आवास ।
700-900
: दक्षिण भारत में आलवारों (वैष्ण) का भक्ति आंदोलन, भक्ति संग्रह ‘प्रबंधम्’
की रचना ।
712
: मुहम्मद बिन कासिम का सिंध पर आक्रमण, देवलगढ़ विजय, निरुन की लड़ाई में हिन्दू राजा दाहिर की मृत्यु,
कासिम की ब्राह्मणाबाद पर विजय ।
730
: कन्नौज में मौखरी शासक यशोवर्मन सिंहासनरूढ़ ।
753-774
: खलीफा मंसूर के काल में ब्रह्मगुप्त के ‘ब्रह्म सिद्धांत’ तथा ‘खण्डनखाड्य’
का अल्फजारी द्वारा अरबी में अनुवाद ।
786-808
:ईरानी शासक खलीफा हारून-अल-रशीद का
शासनकाल, बरमस्क (एक मंत्री) द्वारा भारत के अनेक वैधो,
ज्योतिषियों, रसायनशास्त्रियों, विचारकों को बगदाद बुलाकर
उनसे इन विषयों के अनेक ग्रन्थों का अरबी में अनुवाद करवाया गया ।
824-924
: वैष्णव भक्ति काल ।
986-87
: खुरासनी शासक अलप्तगीन के गुलाम सुबुक्तगीन का काबुल-कंधार में हिंदुशाही शासक
जयपाल पर प्रथम आक्रमण, जयपाल पराजित ।
997-998
: सुबुक्तगीन की मृत्यु, महमूद गजनवी खुरासन की गद्दी पर बैठा ।
999
: बगदाद के खलीफा द्वारा महमूद गजनवी को स्वतंत्र शासक के रूप में मान्यता ।
1000
: महमूद गजनवी का भारत पर (काबुल में) प्रथम आक्रमण, स्थानीय जनता पर लूट तथा
धर्म परिवर्तन ।
1002
: महमूद गजनवी का तीसरा आक्रमण, आनंदपाल से युद्ध तथा उसकी पराजय ।
1010
: आनन्दपाल अपमानजनक शर्तों पर महमूद गजनवी का सामंत बना ।
1011-1012
: महमूद का थानेश्वर पर आक्रमण, उत्तर-पश्चिम भारत में हिंदुशाही को छोटे-बड़े सभी
राज्य ध्वस्त ।
1013
: आनन्दपाल की मृत्यु, पुत्र त्रिलोचनपाल उत्तराधिकारी बना ।
1014
: तोषी की लड़ाई मे त्रिलोचनपाल परास्त, झेलम तक का क्षेत्र गजनवी के राज्य में सम्मिलित ।
1017
: शंकराचार्य के मायावाद का खण्डन कर विशिष्टाद्वैतवाद मत की स्थापना करने वाले
वैष्णव आचार्य रामानुज का जन्म ।
1018-1019
: गजनवी का गंगा-यमुना दोआब क्षेत्र पर कब्जा ।
1025-1026
: गजनवी द्वारा सोमनाथ मंदिर (गुजरात) की लूट ।
1026
: अंतिम हिंदुशाही शासक भीमपाल की मृत्यु, काबुल-कंधार के हिंदुशाही वंश का अंत ।
1027
: जाटों को कुचलने के लिए महमूद का भारत (गुजरात-सिंध) पर 17वां व अंतिम आक्रमण ।
1030 : महमूद गजनवी की मृत्यु, मसूद गजनी का सुल्तान, किताब-उल-हिन्द के लेखक अल-बरूनी का भारत आगमन ।
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