भारत की संस्कृति धरोहर विशिष्ट प्रकार की रही है ।
यहाँ अनेकनेक मानव प्रजातियों का संगम हुआ है। प्राक आर्य,
भारतीय आर्य, यूनानी,शक, हूण और तुर्क आदि अनेक प्रजातियों एवं समुदायों का
शरण स्थल भारत रहा है । इन समुदायो ने भारतीय सभ्यता के विकास में अपना महत्वपूर्ण
योगदान दिया है । अत: भारत के सम्पूर्ण अध्ययन के लिए आवश्यक है कि उसके इतिहास का
सांगोपांग अध्ययन किया जाए ।
इतिहास के अध्ययन के द्वारा हमे किसी राष्ट्र या
समाज के अतीत को जानने में सहायता मिलती है । इसके माध्यम से ज्ञात होता है कि कोई
राष्ट्र या समाज अपने लंबे कल में किस प्रकार विकसित हुआ है । इसके कुछ पहलू
जैसे-उन्होने खेती करना कब प्रारम्भ किया, कताई, बुनाई तथा धातु कर्म कब विकसित हुआ । इसके
अतिरिक्त वहाँ की